ज़मीं से फ़लक तक, ज़मी से फ़लक तक,फ़लक से ज़मी तक उसका ही फरमान चलता है | यू तो भरम सब को होता है, मेरे ही सहारे से ये ज़माना चलता है | #ज़मी से फ़लक तक