वक़्त पत्थर का,और पहर पत्थर का ये गली पत्थर की,ये शहर पत्थर का हादसा दर हादसा पत्थर होने के पहले मैं खुद झेलता रहा हूँ क़हर पत्थर का इश्क़ कह कहकर चखाया था उसने रग रग में घुल गया है ज़हर पत्थर का मुझे मेरा गांव रह रह के याद आया जब मुझे पेश आया ये शहर पत्थर का #पत्थर #shayari #madhavawana