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मैं और मेरी कलम एक दूजे के हर सुख- दु:ख के साथी ह


मैं और मेरी कलम एक दूजे के हर सुख- दु:ख के साथी हैं,
मेरे दिल के हर भाव को मेरी कलम बखूबी पहचानती है।

अब तो मेरी कलम ही मेरी दिल-ओ-जान व पहचान बन गई है,
क्या लिखना है मेरे दिल को मुझसे पहले जानने लग गई है।

अपनी कलम से हम दिल के भावों की अभिव्यक्ति कर लेते हैं,
अपनी कलम से हम अपनी तन्हाई को महफिल में बदल लेते हैं।

अपनी कलम से लिख कर हम अपने दर्द को कम कर लेते हैं,
अपनी कलम को ही अपने दर्द का मरहम बना लिया करते हैं।

मेरी कलम कभी किसी धर्म और मजहब को नहीं मानती है,
मेरी कलम ना ही कभी किसी ऊँच और नीच को पहचानती है।

लिखती हूं मैं जो भी मेरी कलम उसी को निखारने लगती है,
मेरी कलम मेरे भावों को शब्दों से साकार करने लगती है।

मेरी कलम कभी भी अच्छे और बुरे में कोई भेद नहीं करती है,
मेरा दिल जो चाहता है मेरी कलम बस वही लिखती रहती है।

कलम की ताकत के आगे तो सारी दुनिया सर झुकाती है,
कलम ही तो है जो भविष्य को बना और बिगाड़ सकती है।

अपनी कलम के संग हम अपना पूरा समय व्यतीत कर सकते हैं,
अपनी कलम से किसी भी सही व गलत को साबित कर सकते हैं। ♥️ मुख्य प्रतियोगिता-1001 #collabwithकोराकाग़ज़

♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें! 😊

♥️ दो विजेता होंगे और दोनों विजेताओं की रचनाओं को रोज़ बुके (Rose Bouquet) उपहार स्वरूप दिया जाएगा।

♥️ रचना लिखने के बाद इस पोस्ट पर Done काॅमेंट करें।

मैं और मेरी कलम एक दूजे के हर सुख- दु:ख के साथी हैं,
मेरे दिल के हर भाव को मेरी कलम बखूबी पहचानती है।

अब तो मेरी कलम ही मेरी दिल-ओ-जान व पहचान बन गई है,
क्या लिखना है मेरे दिल को मुझसे पहले जानने लग गई है।

अपनी कलम से हम दिल के भावों की अभिव्यक्ति कर लेते हैं,
अपनी कलम से हम अपनी तन्हाई को महफिल में बदल लेते हैं।

अपनी कलम से लिख कर हम अपने दर्द को कम कर लेते हैं,
अपनी कलम को ही अपने दर्द का मरहम बना लिया करते हैं।

मेरी कलम कभी किसी धर्म और मजहब को नहीं मानती है,
मेरी कलम ना ही कभी किसी ऊँच और नीच को पहचानती है।

लिखती हूं मैं जो भी मेरी कलम उसी को निखारने लगती है,
मेरी कलम मेरे भावों को शब्दों से साकार करने लगती है।

मेरी कलम कभी भी अच्छे और बुरे में कोई भेद नहीं करती है,
मेरा दिल जो चाहता है मेरी कलम बस वही लिखती रहती है।

कलम की ताकत के आगे तो सारी दुनिया सर झुकाती है,
कलम ही तो है जो भविष्य को बना और बिगाड़ सकती है।

अपनी कलम के संग हम अपना पूरा समय व्यतीत कर सकते हैं,
अपनी कलम से किसी भी सही व गलत को साबित कर सकते हैं। ♥️ मुख्य प्रतियोगिता-1001 #collabwithकोराकाग़ज़

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♥️ दो विजेता होंगे और दोनों विजेताओं की रचनाओं को रोज़ बुके (Rose Bouquet) उपहार स्वरूप दिया जाएगा।

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