बक्श दे मुझे ऎ खुदा, सितम और कितना करेगा, ढंग से जी नहीं पा रहा, और मरह्ममत कितना करेगा। टूटा फूटा नसीब नहीं मेरा, जो तेरे हवाले छोड़ दू, तू जान कर अनजान बैठा है, तेरा भरोसा कोन करेगा। और इस्तकबाल किया है हर परेशानी का मैने, तू भी आजा और तेरा काम भी कोन करेगा। ¶विशाल गायकवाड #परेशानियां #हकीकत_एक_इत्तफाक #किस्मत #opensky