हर दाव शत्रु का, चुपचाप झेल गया। कुछ समय शेष रहते, ऐसा खेल गया।। की प्रतीत होती हार, स्वयं हार गई। जीत चूम मस्तक, अपना सब कुछ वार गई।। ❤️❤️❤️❤️🔥🔥🔥 सबसे बड़ा लड़ईया ---- रवी दहिया ©Vinod Thakur #ravi Dahiya