गुलज़ार-ए-गली फिर विरान होगा बेवज़ह खामखां दिल परेशान होगा ये गम-ए-इश्क़ बड़ा जालिम है "इंदर" दिल लगाके जिस्म फिर बे-जान होगा ....इंदर भोले नाथ #Alfazeinder#hindioetry