किस ओर है चलना, गिर कर है संभलना, या संभल कर है गिरना, तारों सा है चमकना, या चमक कर है तारों सा बनना, कितनी उलझन है, सुलझता नहीं ये मन है, ज़िन्दगी तू ही बता, उत्तर क्या है तेरे प्रश्न का| ज़िन्दगी तू ही बता, आख़िर थी मेरी क्या ख़ता... #ज़िन्दगीबता #collab #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi #vineetvicky #septemberdiary #encoreekkhwab