एक तरफ जहां भारत की राजधानी दिल्ली में अमेरिका के राष्ट्रपति का भव्य स्वागत किया जा रहा था वही दूसरी तरफ दिल्ली हिंसा में तब्दील हो रही थी। हमारे देश के प्रधानमंत्री दुनिया को भारत की सास्कृतिक, जाति धर्म की एकता की बात कह रहे थे उसी समय दिल्ली के अंदर धर्म के नाम पर हिन्दू मुस्लिम में खुन का होली खेला जा रहा था।जहाँ भारत को पुरे विश्व में एक उभरता हुआ अर्थव्यवस्था की बातें करता है वही लाखों करोड़ों की संपत्ति को आग के हवाले कर दिया गया।एक तरफ अमन चैन की बातें कही जा रही थी वही दुसरे तरफ दंगा, लुट पाट हिन्दू मुस्लिम में खुन का होली खेला जा रहा था ।जहाँ संविधान के कानून का एक अलग पुरे विश्व में पहचान दिया जा रहा था वही कानून के रखवाले पुलिस को दिल्ली के नागरिक काॅल करते करते थक गये पर वो न काॅल रिसीव किया गया और न दंगा को काबू कर पाए।ऐसा क्या मजबूरी थी जो ऐसी हालात को देखकर भी पुलिस अंनदेखा कर रही थी। शायद कहे तो राजनीति शक्ति ..। पुलिस चाह कर भी कुछ न कर सका हाँथ पर हाँथ धर कर खरे देखते रहे। जो थोड़ा कोशिश किया उन्हें दंगैयो के द्वारा गोली मार दिया गया। लेकिन कहना चाहूँगा इन सब में कौन पिसाते हैं, देश की लाचार जनता ही ।इसलिए आप सभी अपने अंदर के मानवता को जगाएं और ऐसी स्थिति पैदा करने से बचे और जो ये सम्प्रदायिकता धर्मों के नाम पर फैलाया जा रहा है उसमें सिर्फ़ आम नागरिक को ही हानि होती है। जो करते हैं उनका कुछ भी नहीं होता है ,क्योंकि इस देश का कानून उनके लिए कुछ भी नहीं होता है। कहें तो वो कानून को खिलौना समझते हैं। कुर्सी पर बैठे लोग उनको बचाते हैं। कुर्सी के लिए वो लोग कुछ भी कर सकते हैं इसलिए आप सभी आपस में एक अच्छा रिश्ता बनाइये और इस धरती के लिए जो शहीद हुए हैं उनकी शहादत को इस तरह मत बर्बाद होने दीजिए। यह धरती भगत सिंह, खुदीराम बोस, चंद्रशेखर आजाद, बिस्मिल्ला खां, सुभाष चन्द्र बोस, पं नेहरू, सरदार पटेल, भीम राव अम्बेडकर, महात्मा गाँधी, अब्दुल कलाम आजाद, ऐसे बहुत से महापुरुषों का देश है। इसे किसी जाति धर्म के आधार पर मत बाँटो । जय हिंद जय भारत भारत माता की जय। दिल्ली में हिंसा दिल को दहला देने वाली कहानी आँखो के सामने देखा ये हालात होते हुए। #delhi #हिंसा #poltics #story #history