पूण्य भी है स्वर्ग भी, अध्यात्म का सार है प्यार हैं बस प्यार हैं, प्यार हैं बस प्यार हैं ज़हन मे नफरत, भाषा में नाखूनों सा शोर अपनी मनवाने खातिर, लगा रहे पुरा जोर गिरती हुई संवेदना को, करूणा ही आधार हैं प्यार हैं बस प्यार हैं, प्यार हैं बस प्यार हैं दामन में कितने ही हम, राज़ दबाये जाएंगे एक चेहरे में और कितने, चेहरे छुपाए जाएंगे दिलो के बिच क्यो ये, औपचारिक व्यापार है प्यार हैं बस प्यार हैं, प्यार हैं बस प्यार हैं इस धरा पर कितने हम है, कितने हम टकराएंगे हार जित की होड़ में, दोनों ही कदम टकराएंगे रिश्तों के बिच क्यों ये, शिशे की दिवार हैं प्यार हैं बस प्यार हैं, प्यार हैं बस प्यार हैं ©Ashish Deshmukh #करूणा #Kind #kindness #adhyatm #spiritual #Spirituality #आध्यात्मिक #प्यार