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भले होती रहे बादलों में बिजली की कड़क । फिर सरपट द

भले होती रहे बादलों में बिजली की कड़क ।
फिर सरपट दौड़ती रहती है ये सपनो को सड़क ।
आसमां गरजते रहे हमें डराकर रोकने के लिए ।
मगर कुछ कर गुजरने वाले चलते रहे बेधड़क।

©Vivek
  #नादानज़िन्दगी