किस्मत किसमत की लकीरों में कुछ ऐसे सिलसिले आये मंजिल तो बहुत पास थी हमारे बस हम ही थे जो किसमत से बहुत दूर चले आये..! -:अनजान_आनन्द #किसमत_कि_लकिरें