इक्कीसवीं सदी में जी रहें हैं, पर आज भी नारियां परतंत्रता की बेड़ियों में कैद हैं। कुछ पहुंच गई हैं चांद पर, पर कुछ आज भी घर से अकेले निकलने से डरती हैं। भेजने का समय कल शाम 6 बजे तक। परिणाम की घोषणा कल रात 8 बजे तक। सहभागिता सबके लिए खुली है ✍🏻 आपके अल्फ़ाज़ शब्दों की मर्यादा का ध्यान अवश्य रखे । 1. फॉन्ट छोटा रखें और बॉक्स में लिखें।