दूर दूर तक, फैला ये नील वर्ण... और उस पर आती ये स्वेत लहरें, नित ढकेलती रहती है, भीतर में छिपी असंख्य सिपियो के रहस्य.... जैसे बह जाती है अनेको, वेदनाएँ... अश्रुओं की, नमकीन लहरों में, अंतस की तलहटी से... #yqbaba #yqdidi #हिंदी_कविता #life #लहरें #अश्रुओं #विष्णुप्रिया #चिंतन