Nojoto: Largest Storytelling Platform

एक परिंदा यूहीं आज आकर मेरे पास बैठ गया मानो मुझसे

एक परिंदा यूहीं आज आकर मेरे पास बैठ गया
मानो मुझसे कुछ पूछने आया हो
उसकी नजरों को बखूबी पढ पा रही थी मैं
वो खामोश था पर  कुछ पूछ रहा था
बताओ कैसा लगता है ये पिंजरा, ये कह रहा था
मैंने मुस्कराते हुए कहा
क़ैद तो हम औरतें हमेशा ही रहीं हैं
कभी घर की सीमाओं की
कभी समाज की सोच की
कभी रूढ़िवादी धारणा की
कभी किसी दरिन्दे की दरिंदगी की
कभी कुछ ना मिला तो 
अपनी ही मन की वेदना की 
क़ैद तो हम हमेशा ही थी 
आज के फर्क़ से भी मिला दूँ तुम्हें 
फर्क़ सिर्फ ये है 
आज हमें कैद करने वाले भी क़ैद हैं.. 
ये पिंजरा दिखता नहीं 
पर यही औरतों की कहानी है! 
                                                       -कंचन😊 #stopwomenharassment  #ChangeYourself #changeyourthinking #Change 

#feather
एक परिंदा यूहीं आज आकर मेरे पास बैठ गया
मानो मुझसे कुछ पूछने आया हो
उसकी नजरों को बखूबी पढ पा रही थी मैं
वो खामोश था पर  कुछ पूछ रहा था
बताओ कैसा लगता है ये पिंजरा, ये कह रहा था
मैंने मुस्कराते हुए कहा
क़ैद तो हम औरतें हमेशा ही रहीं हैं
कभी घर की सीमाओं की
कभी समाज की सोच की
कभी रूढ़िवादी धारणा की
कभी किसी दरिन्दे की दरिंदगी की
कभी कुछ ना मिला तो 
अपनी ही मन की वेदना की 
क़ैद तो हम हमेशा ही थी 
आज के फर्क़ से भी मिला दूँ तुम्हें 
फर्क़ सिर्फ ये है 
आज हमें कैद करने वाले भी क़ैद हैं.. 
ये पिंजरा दिखता नहीं 
पर यही औरतों की कहानी है! 
                                                       -कंचन😊 #stopwomenharassment  #ChangeYourself #changeyourthinking #Change 

#feather