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ऐसे भी है, लोग जहां मे जिन्हे दो वक्त का निवाला भी

ऐसे भी है, लोग जहां मे जिन्हे
दो वक्त का निवाला भी नहीं मिलता 
  टुकड़ों में ही जीते है वो, टुकड़ा
भी वक्त पर नही मिलता, लाचार 
वो लोग हो जाते है, भूखे ही सो 
जाते है, वहीं कुछ लोग, ले अनाज
 को थाल में ज्यादा ,छोड़कर मौज 
उड़ाते है, पैसों की नही चिंता उन्हें,
 बैठ होटल में शान दिखाते है, कोई
 गरीब मांगे निवाला तो,डांट उन्हें 
भगाते है,गरीब कहां, अमीर को 
फूटी आंख सुहाते है ,थोड़ी सी
 मदद जो करे ,वो वीडियो बनाकर
जताते है, हमने भी खिलाया गरीब
को,खाना ट्वीटर, व्हाटस अप, फेस
बुक पर लाइव चलाते है, गरीब का
तो पेट भी नही भरता,तब तक साहब
वायरल हो जाते है, ऐसे भी लोग है
जहां में,जो मजबूरों से भी,अपना
नाम कमाते है,वो गरीब को निवाला
नहीं देते,उनका निवाला खा जाते है,
"पथिक"करता है, गुजारिश अपने
घर में जो ज्यादा पक जाए, किसी
गरीब को जरूर खिलाएं, मिलेंगी
लाखों दुवायें तुम्हें, जहां पैसे भी काम 
न आए, वो दुवाएं तुम्हारा साथ निभाएं

©पथिक
  #ऐसे भी है लोग जहां...#

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