उतरा है मेरे दिल में कोई चाँद नगर से, अब खौफ ना कोई अंधेरों के सफ़र से, वो बात है तुझ में कोई तुझ सा नहीं है, कि काश कोई देखे तुझे मेरी नजर से। इरफान रज़ा सहर ©Mohammad irfan Raza sahar दिल से प्यार शायरी