नारी है तु अबला क्यों कहाई कहा गयी तेरी सारी शक्ति क्यों तूने खुद को मोड़ लिया समाज से नाता तोड़ दिया ऐसी उलझी गृहस्थ जीवन में समय के चक्र में सब झोक दिया खुद इतना बदल गयी की तेरी प्रतिरूप ही नहीं भाता है आपसी मत भेदो में तेरा जीवन गुजर जाता है क्यों सीता को भूल गयी जिनकी जिंदगी परीक्षाओं की कहानी है एक बार पढ़ो रामायण जीवन को बेहतर बनाओ चुनौती से ना गबराओ आपस में सम्मान भाव रखो और दुनिया को सिखाओ नारी शक्ति है जीवन कर्तब्य निष्ठा लगन त्याग मूर्ति, एक और बार इस मूर्ति को और सुन्दर बनाओ सचिन मिश्रा नारी शक्ति..