बादशाहत से ऐसे ही थोड़े ना नवाज़ती है ज़िन्दगी, इम्तिहान,इत्मीनान सबर सब देखती है इंसान का, कभी राह में पत्थर छोटी बड़ी मुश्किलों के फेंकती है, उठाती है मरहम लगती है फिर संवरती है ज़िन्दगी. @the_unsung_teller ज़िन्दगी का सफर...