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तुझे भान हुआ कि बाहर ख़ुशी है। लगा गोता अन्दर तू शा

तुझे भान हुआ कि बाहर ख़ुशी है।
लगा गोता अन्दर तू शान्ति का घर है।।
तुझे प्यार पिंजड़े से कैसे हुआ है?
गगन में तू उड़ जा वही तेरा घर है।
-नित्यानंद गुप्ता

©Guru kripa Sadhak ॐ ॐ हरि ॐ 

#WorldPoetryDay
तुझे भान हुआ कि बाहर ख़ुशी है।
लगा गोता अन्दर तू शान्ति का घर है।।
तुझे प्यार पिंजड़े से कैसे हुआ है?
गगन में तू उड़ जा वही तेरा घर है।
-नित्यानंद गुप्ता

©Guru kripa Sadhak ॐ ॐ हरि ॐ 

#WorldPoetryDay