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_*✍🏻“सुविचार"*📝_ 🌥️*“11/8/2021”*⛅ 🌟*“बुधवार”*

_*✍🏻“सुविचार"*📝_ 
🌥️*“11/8/2021”*⛅
🌟*“बुधवार”*⭐

जीवन में कभी-कभी कुछ ऐसा 
“मन” के साथ होता है,
क्योंकि यदि ये “प्रेम” “जल” है 
तो इसकी “मटकी” है “मन”,
“मन रूपी पात्र” में यदि 
“विश्वासरूपी माटी” न हो,
यदि “आसुओं से उसे “भिगोया” न गया हो,
यदि “समयरूपी कुम्हार” ने उसे “आकार” न दिया हो,
और “परीक्षा की अग्नि” में उसे “पकाया” न गया हो,
तो “प्रेम” “मन” में नहीं “ठहर” सकता,
तो यदि इस “जीवन” में इस “प्रेम” को पाना है तो “ह्रदय” पर “काम” करना होगा,
और एक महत्वपूर्ण बात यह की “प्रेम” में तो 
एक दूसरे की “भावनाओं का सम्मान” किया जाता है
 ना कि उसके साथ “खिलवाड़” किया जाता है...
_*“अतुल शर्मा 🖋️📝*_ _*✍🏻“सुविचार"*📝_ 
_🌥️ *“11/8/2021”*⛅_
_🌟 *“बुधवार”*_⭐

_*#“जीवन”*_ 

_*#“मन”*_
_*✍🏻“सुविचार"*📝_ 
🌥️*“11/8/2021”*⛅
🌟*“बुधवार”*⭐

जीवन में कभी-कभी कुछ ऐसा 
“मन” के साथ होता है,
क्योंकि यदि ये “प्रेम” “जल” है 
तो इसकी “मटकी” है “मन”,
“मन रूपी पात्र” में यदि 
“विश्वासरूपी माटी” न हो,
यदि “आसुओं से उसे “भिगोया” न गया हो,
यदि “समयरूपी कुम्हार” ने उसे “आकार” न दिया हो,
और “परीक्षा की अग्नि” में उसे “पकाया” न गया हो,
तो “प्रेम” “मन” में नहीं “ठहर” सकता,
तो यदि इस “जीवन” में इस “प्रेम” को पाना है तो “ह्रदय” पर “काम” करना होगा,
और एक महत्वपूर्ण बात यह की “प्रेम” में तो 
एक दूसरे की “भावनाओं का सम्मान” किया जाता है
 ना कि उसके साथ “खिलवाड़” किया जाता है...
_*“अतुल शर्मा 🖋️📝*_ _*✍🏻“सुविचार"*📝_ 
_🌥️ *“11/8/2021”*⛅_
_🌟 *“बुधवार”*_⭐

_*#“जीवन”*_ 

_*#“मन”*_
atulsharma6011

Atul Sharma

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