आज धूप खिली है, बहुत धूप खिली है | मौसम अच्छा है तो सब कुछ अच्छा है | पर मैं हूँ तन्हां , मै हूँ अकेला क्या करूँ इस सुहाने मौसम में मैं सोचता हूँ मन में ना कोई आस पास है , ना कोई अपने साथ है | दूर सुन रहा हूँ चहचहाना चिडियों का सुनाई दे रहीं हैं कुछ आवाजें गाडी की सोचता हूँ कि वो कितने खुशनसीब हैं , जो साथ हैं अपनों के पर मैं हूँ तन्हां , मैं हूँ अकेला #कविता