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आज धूप खिली है, बहुत धूप खिली है | मौसम अच्छा है त

आज धूप खिली है, बहुत धूप खिली है |
मौसम अच्छा है तो सब कुछ अच्छा है |
पर मैं हूँ तन्हां , मै हूँ अकेला 
क्या करूँ इस सुहाने मौसम में 
मैं सोचता हूँ मन में 
ना कोई आस पास है , ना कोई अपने साथ है |
दूर सुन रहा हूँ चहचहाना चिडियों का 
सुनाई दे रहीं हैं कुछ आवाजें गाडी की 
सोचता हूँ कि वो कितने खुशनसीब हैं , 
जो साथ हैं अपनों के 
पर मैं हूँ तन्हां , मैं हूँ अकेला #कविता
आज धूप खिली है, बहुत धूप खिली है |
मौसम अच्छा है तो सब कुछ अच्छा है |
पर मैं हूँ तन्हां , मै हूँ अकेला 
क्या करूँ इस सुहाने मौसम में 
मैं सोचता हूँ मन में 
ना कोई आस पास है , ना कोई अपने साथ है |
दूर सुन रहा हूँ चहचहाना चिडियों का 
सुनाई दे रहीं हैं कुछ आवाजें गाडी की 
सोचता हूँ कि वो कितने खुशनसीब हैं , 
जो साथ हैं अपनों के 
पर मैं हूँ तन्हां , मैं हूँ अकेला #कविता