समझा रहे थे मुझको लोग, समझा किसी नें भी मुझे नहीं! बताते रहे सभी हाल अपना, मुझसे किसी ने पूछा तक नहीं! सलाह देते एक-एक करके मुझे, सहूलियत का नामों-निशान नहीं! देखने को तमाशा रुके रहते लोग यहाँ, मन बहलाने का इससे अच्छा जुगाड़ नहीं! समझा रहे थे मुझको लोग... #समझारहेथे #collab #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi