Marne ki hai तमन्ना जीने की दुआ दी है ज़ालिम ने mohabbat में किया सख़्त साज़ दी है शहरे रुख अब कहां कहां मैं जाऊं इस शोखने जुल्फों में ज़ंजीर पिन्हा दी है ©USTAD ISMAIL WASIF SAHAB मारने की है तमन्ना जीने की दुआ दी है #HappyNewYear