कश्ती के मुसाफिर ने समंदर नहीं देखा। आँखों को देखा पर दिल के अंदर नहीं देखा। पत्थर समझते है मुझे मेरे चाहने वाले। हम तो मोम थे मगर हमें किसी ने छूकर नहीं देखा। ©nidhi dhruw #lost and sad person shayri