जहां आज भी मेरा अतीत मुझको देखकर बेइंतेहा मुस्कुराता है, भूल जाता हूं जब मैं खुदको तब मेरा अतीत अंधेरे में रोशनी सा जगमगाता है, छोड़ आया था मैं जहां खुदको जाने अंजाने में, खुशियों को ढूंढता हुआ अपनी फिर से वहीं पहुंच जाता हूं... हम फिर वहीं जा पहुँचे... #वहींजापहुँचे #collab #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi