क्यु हम किसी की तस्वीर देखकर उसे अपनी तक़दीर बना लेते है, क्यु हम किसी को अपने ख़्वाबो की तस्वीर बना लेते है। टुट जाते है ख्वाब किसी का ख्वाब पूरा करने के बाद, फिर क्यु किसी को अपनी जिंदगी कि मंज़िल बना लेते है। आज रात गुजरी है कल सुबह भी होगी मेरे इस मर्ज़ की दवा भी होगी तुझसे इश्क किया है मैंने एक तरफा क्यु़........ इसकी भी कुछ वजह होगी। बारहाल वक्त मैं उसपे नज़र रख़ता हूँ उसकी तबीयत की सारी ख़बर रखता हूँ जासूस नही हूँ मैं और ना ही उसपे श़क करता हूँ बस प्यार करता हूँ उससे इसलिए उसकी फिकर करता हूँ। Yk Diary..