ऐसा में चिराग वक्त का मारा जलाने पर भी जलता ही नहीं हूँ वो चाहता है मुझे दफन करना और एक में हूँ के मरता ही नहीं हूँ राहो में उसकी खोया हूँ इस कदर के रास्ते में किसी को दिखता ही नहीं हूँ उसको गुमान है खूबसूरती पे तो रहे मैं तो उसकी तरफ देखता भी नहीं हूँ अब उसको कैसे गिराऊ इन नजरों से इन आँखों से अब में बहता ही नहीं हूँ अब तो सूरज हो गया हूँ में रात का शाम आती है पर में हूँ के ढलता ही नहीं हूँ तीरगी-ए-शब --- darkness of night सन्दल शजर --- sandalwood tree #yqdidi #yqbhaijan #yqhindi #bestyqhindiquotes #YourQuoteAndMine Collaborating with Richu 💌