ईश्वर भरदो मुझ में भी बाहुबल की मैं अब और नहीं मरना चाहती.... आज जो भी कुछ हो रहा है लड़कियों के साथ उसका दोषी कोन है। मेरी नजर में सब दोषी है पूरा समाज, पूरी सृष्टि। जननी जो पूरी दुनिया को अपने पेट में पालती है जब उस औरत के साथ ऐसी क्रूरता होती है तो सब दोषी लगने लगते है। पूरी मनुष्य जाती, जो अब फिर से जानवर की योनि की ओर अग्रसर है, दोषी है। वो विधाता भी अब दोषी लगने लगा है जिसने औरत को उतना देहिक बल नहीं दिया जिससे वो हेवानियत के खिलाफ लड़ सके। अपनी छाती में छड़े हुए दरिंदो को रोक सके, वहां से