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कभी कभी कुछ रास्ते खुद तय करने होते है जैसे लिखन

कभी कभी कुछ रास्ते 
खुद तय करने होते है
जैसे
 लिखना दूसरे इश्क का प्रेमपत्र 
 
 ढूंढना तीसरे पेग के बाद घर का रास्ता
 
चौथे के बाद जाकर आँसू बहाना,

उठाना शादी में पाँचवा रसगुल्ला

बदलना छठी के बाद उसको देखने का तरीका,
 
 कभी कभी कुछ रास्ते 
खुद तय करने होते है

शुरू करना बातचीत,
सात फेरे के बाद पड़ोसन से,

मुस्कुराना
आठ घंटे गधे के तरह
काम करने के बाद,

देखना
सास बहू का सीरियल
नौ बजे तक


संवारना बालो को,
दस किलो के पेट के साथ

और ये सब पहले इश्क के बाद होता है,
जो आप दूसरे के कहने पर करते हो,

कभी कभी कुछ रास्ते 
खुद तय करने होते है

©Chirag Joshi #hindi_poetry  Kaushik Ghosh Nalini
कभी कभी कुछ रास्ते 
खुद तय करने होते है
जैसे
 लिखना दूसरे इश्क का प्रेमपत्र 
 
 ढूंढना तीसरे पेग के बाद घर का रास्ता
 
चौथे के बाद जाकर आँसू बहाना,

उठाना शादी में पाँचवा रसगुल्ला

बदलना छठी के बाद उसको देखने का तरीका,
 
 कभी कभी कुछ रास्ते 
खुद तय करने होते है

शुरू करना बातचीत,
सात फेरे के बाद पड़ोसन से,

मुस्कुराना
आठ घंटे गधे के तरह
काम करने के बाद,

देखना
सास बहू का सीरियल
नौ बजे तक


संवारना बालो को,
दस किलो के पेट के साथ

और ये सब पहले इश्क के बाद होता है,
जो आप दूसरे के कहने पर करते हो,

कभी कभी कुछ रास्ते 
खुद तय करने होते है

©Chirag Joshi #hindi_poetry  Kaushik Ghosh Nalini
chiragkikalam4418

Chirag Joshi

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