भला इसमें मेरा क्या क़ुसूर है अब बिन बात के मुस्कुराऊँ ये असर मोहब्बत का हुजूर है किसी से राब्ता नहीं चाहता अब दिल तेरी मोहब्बत में मग़रूर है अजब सी कैफ़ियत हो गई है अब लोग समझें जाने किस का गुरूर है। ♥️ Challenge-983 #collabwithकोराकाग़ज़ ♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें! 😊 ♥️ दो विजेता होंगे और दोनों विजेताओं की रचनाओं को रोज़ बुके (Rose Bouquet) उपहार स्वरूप दिया जाएगा। ♥️ रचना लिखने के बाद इस पोस्ट पर Done काॅमेंट करें।