पल जब इंतेज़ार का हो दिल क्यूं बेचैन हो जाता है तुम तो ख़्वाब में भी मेरे हो दिल में ये एहसास क्यूं रह जाता है चलो न कहीं चलते हैं तेरे शहर में जहां सिर्फ़ मोहब्बत की बात हो कोई ऐसे पहर में,,,,,,,, तुम चाहत हो मेरी हर चाहत से बढ़कर तुम हक़ीक़त हो मेरी हर लम्हों से गुजर कर तो समझो न मेरी इशारों को तुम भी तो कहो न कुछ, तुम अपने दिल की भी ये आंखें आजमाइश कर रही है तेरे उल्फत को मेहसूस कर रही है देखो न इस चांद को क्यूं हमारी मज़ाक उड़ा रहा है तुम तो मेरी पूरी दुनियां हो ये हंस कर सब को बताए जा रहा है रोको न इसे कही राज़ न खोल दे दिल के आवाज़ को कही कोरे कागज़ पर अल्फ़ाज़ न बना दे कुछ लम्हों की बात होती तो दिल के गहराइयों से सजाएं न होते दिल से मोहब्बत तुमसे न निभाए होते,,,,,, ✨✨✨✨✨✨✨✨✨✨✨ 🍁🍁🍁🍁🍁🍁🍁🍁🍁🍁🍁 MN ki batein ho ya dil ki