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White मैं खुदा को खोज रहा हूं, मन ही मन ये सोच रहा

White मैं खुदा को खोज रहा हूं,
मन ही मन ये सोच रहा हूं।
बना कर दुनिया को खुदा,आखिर कहां चला गया।
इसी उधेड़बुन से परेशान होकर,मैं मंदिर मंदिर भटक रहा हूं की,जो कभी वो मिल जाए कहीं तो,पूछूंगा उसका वास्तविक पता ।
पूछूंगा की फरियाद लोगों की,उस तक क्यों नहीं पहुंचती।पूछूंगा की तकलीफ लोगों की,समय पर दूर क्यों नहीं होती।
क्यों कहते हैं लोग की,उसके घर देर है अंधेर नहीं।
देर भला उसके घर क्यों है,जब वो कर सकता सब सही।
सुना था की वो गरीबों के साथ है,फिर क्यों इतने बुरे हालात हैं।क्यों छोटे बच्चे भीख मांग रहे,क्यों सड़कों की खाक छान रहे।
सुना था की कर्म का फल मिलता है,जैसा कर्म वैसा ही पुष्प खिलता है।फिर क्यों चोर उचक्के साहुकार हुए,ईमान वाले लोग बेबस औ लाचार हुए।
लोग कहते हैं कि वो परीक्षा लेता है,लेकिन मैंने तो कोई आवेदन नहीं दिया।न ही मेरी उत्तीर्ण होने की कोई इच्छा है,फिर क्यों वो सवाल परोस देता है।
मस्जिद गिरिजा गुरुद्वारे सब घूम आया,कहीं भी उसका पता नहीं पाया।अब अपने सवालों की पोटली उठाए,मैं मजारों के चक्कर लगा रहा हूं।
मन ही मन कुछ सोच रहा हूं,
मैं खुदा को खोज रहा हूं।

©Andy Mann #खोज  अदनासा-  Dr Udayver Singh  Ak.writer_2.0  puja udeshi  Ashutosh Mishra
White मैं खुदा को खोज रहा हूं,
मन ही मन ये सोच रहा हूं।
बना कर दुनिया को खुदा,आखिर कहां चला गया।
इसी उधेड़बुन से परेशान होकर,मैं मंदिर मंदिर भटक रहा हूं की,जो कभी वो मिल जाए कहीं तो,पूछूंगा उसका वास्तविक पता ।
पूछूंगा की फरियाद लोगों की,उस तक क्यों नहीं पहुंचती।पूछूंगा की तकलीफ लोगों की,समय पर दूर क्यों नहीं होती।
क्यों कहते हैं लोग की,उसके घर देर है अंधेर नहीं।
देर भला उसके घर क्यों है,जब वो कर सकता सब सही।
सुना था की वो गरीबों के साथ है,फिर क्यों इतने बुरे हालात हैं।क्यों छोटे बच्चे भीख मांग रहे,क्यों सड़कों की खाक छान रहे।
सुना था की कर्म का फल मिलता है,जैसा कर्म वैसा ही पुष्प खिलता है।फिर क्यों चोर उचक्के साहुकार हुए,ईमान वाले लोग बेबस औ लाचार हुए।
लोग कहते हैं कि वो परीक्षा लेता है,लेकिन मैंने तो कोई आवेदन नहीं दिया।न ही मेरी उत्तीर्ण होने की कोई इच्छा है,फिर क्यों वो सवाल परोस देता है।
मस्जिद गिरिजा गुरुद्वारे सब घूम आया,कहीं भी उसका पता नहीं पाया।अब अपने सवालों की पोटली उठाए,मैं मजारों के चक्कर लगा रहा हूं।
मन ही मन कुछ सोच रहा हूं,
मैं खुदा को खोज रहा हूं।

©Andy Mann #खोज  अदनासा-  Dr Udayver Singh  Ak.writer_2.0  puja udeshi  Ashutosh Mishra
praveenmann1050

Andy Mann

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