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तलास्ता हूं महोब्बत अपनी कहीं मिल ही जायेगी ढूंढत

तलास्ता हूं  महोब्बत अपनी कहीं मिल ही जायेगी
ढूंढता हूं मंजिल अपनी कहीं मिल ही जायेगी
मुझे भरोसा है अपने आप पर कभी ना कभी मिल जायेगी

©Damodar prasad Raj
  कहीं ना कहीं मिल ही जायेगी

कहीं ना कहीं मिल ही जायेगी #Shayari

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