बंजारों की अलग ही राह होती है गहरे पानी में उनकी कश्ती होती है लहरोसे चाहे उनकी हजारों बाते हो मुखन्दर तो उनका ख़ुदा के हात ही होता है खुले आस्मानके परिंदे है हो ज़मीन की फिर भी उने आस होती है जिंदगी चाहे इंतहा ले ले उनकी अलगहि धुप छाव होती है #बंजारे.........