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दहलीज पर तेरे मैं, मैं रख बाहर, आई हूं.. अब मर्जी

दहलीज पर तेरे मैं, मैं रख बाहर, आई हूं..
अब मर्जी तेरी है, बंदगी अता कर या बैरंग लौटा.. नमस्कार 🙏🏻 सुप्रभात दोस्तों 😊 मैं Atika Singh 
IconicQuote( Jazbaat-e-dil ) में आप सभी का हार्दिक स्वागत करती हूं।🙏🏻 

💮 आज की प्रतियोगिता का विषय है
( दहलीज़ पर तेरे ) ❤️❤️

💮 नये दिन की शुरुआत एक नये विषय के साथ❤️
दहलीज पर तेरे मैं, मैं रख बाहर, आई हूं..
अब मर्जी तेरी है, बंदगी अता कर या बैरंग लौटा.. नमस्कार 🙏🏻 सुप्रभात दोस्तों 😊 मैं Atika Singh 
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( दहलीज़ पर तेरे ) ❤️❤️

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