_____शब्दों से शरीर बनाया_____ __अदृश्य कायनात में अदृश्य प्रेमिका__ चलो भगवान ने कुछ तो एहसान किया कि... अदृश्य प्रथम प्रेमिका प्रदान किया। अब चाहे कोई समझे घायल वा पागल मैंने तो प्राप्त प्रेम का सदैव सम्मान किया। सिर्फ़ सम्मान से...काम ना चला तो भला यह भी किया कि...दिवा-रात ध्यान किया केवल कविता नामक प्रस्तुत प्रेमिका का। वह चालक बनी एवं मैंने मन को यान किया और यात्रा करता रहा मैं विचारों के व्योम में और अंततः फिर फेसबुक पर गिरान किया। गिरते ही बिखरी-बनी पुनः कविता, जिसकी सुंदरता को मैंने संपादन से सावधान किया। ...✍️विकास साहनी ©Vikas Sahni #शब्दों_से_शरीर_बनाया #Her