भूख ये नहीं देखती कि मजहब क्या है बल्कि वह ये ढूंढती है... जो बेवजह बेसहारों को खाना परोसे ऐसा वह👼 'शख्स' कहां है भूख ये नहीं देखती दरवाजे पे लिखा क्या है बल्कि वह ये देखती है.............. फैलाकर हाथ🤲🤲यहां मिलता क्या है भूख ये नहीं देखती की शर्मिंदगी क्या है बल्कि वह देखती है... उस पेट को जो कई रातों से भूख🙍के कारण जक़री पड़ी हैं भूख ये नहीं देखती कि खाने में क्या है बल्कि वह ये ढूंढती है... कि जो पेट को भरे हांडी में बची कुची🤌ऐसी कोई 'चीज' ब़ची क्या है ©R...Khan #भूख🤌#bhookh🤌 Saurav Das