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ठहराव शब्द की संज्ञान में डूबा जब असंख्य आवाज़ की

ठहराव शब्द की संज्ञान में डूबा जब 
असंख्य आवाज़ की धुंध में लिपटा मैं 
वो लह लह लो  कपूर की रात्रि 
नहीं तलब और कोई अब बस
 विश्राम मिल जाएं कही भी 
ना जाने क्यूं पांव रुकें यूं
कहें ठहर कुछ देर मिल सुकून से भी
है तो पूरी जिंदगी चलना ही 
कुछ पल तो  रुक मुझे भी दे 
जीवित प्रणय प्रसून मुस्कान ही 
ठहराव शब्द की संज्ञान में डूबा जब
असंख्य आवाज़ की धुंध में लिपटा मैं । #मेरे_जज्बात008 
#ठहराव 
#जरूरी_है 
#कामिल_कवि 
#yqdidi 
#yqbaba 
#kunu
ठहराव शब्द की संज्ञान में डूबा जब 
असंख्य आवाज़ की धुंध में लिपटा मैं 
वो लह लह लो  कपूर की रात्रि 
नहीं तलब और कोई अब बस
 विश्राम मिल जाएं कही भी 
ना जाने क्यूं पांव रुकें यूं
कहें ठहर कुछ देर मिल सुकून से भी
है तो पूरी जिंदगी चलना ही 
कुछ पल तो  रुक मुझे भी दे 
जीवित प्रणय प्रसून मुस्कान ही 
ठहराव शब्द की संज्ञान में डूबा जब
असंख्य आवाज़ की धुंध में लिपटा मैं । #मेरे_जज्बात008 
#ठहराव 
#जरूरी_है 
#कामिल_कवि 
#yqdidi 
#yqbaba 
#kunu
kunalkarn5063

Author kunal

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