हम नही सहेंगे दुनिया का जुल्मों सितम,अनाचार,अत्याचार, भ्रष्टाचार कदाचार ,बालात्कार,मिलावट, प्रदूषण, रिश्वतखोरी और अश्लीलता का नंगा नृत्य। बहुत हो गया सहनशीलता और शराफत का खेल।किसी ने ठीक ही कहा है कि ज्यादा झुकोगे तो लोग पीठ को पायदान समझ लेंगे।इसलिए फेंक डालो अब शराफत की चादर और बुलंद करो बगावत की आवाज अन्यायियों के खिलाफ जो समाज मे जहर घोल रहें हैं।अगर समय रहते खामोशी भंग नही किए तो आने वाली पीढ़ी का भविष्य भी बर्बाद हो जायेगा जिसपर देश का भविष्य टिका है।स्मरण रहे जब देश होगा तभी हम होंगे। ©Dharmendra singh #अब सहा नही जाता #CannotTolerate