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जिंदगी का बार बार मुझ से ये पूंछना क्या चल्ला, क्य

जिंदगी का बार बार मुझ से ये पूंछना
क्या चल्ला, क्या चल्ला , क्या चल्ला वे
क्या बताऊँ जिंदगी
मेरी नाकामी की फैल गई सूचना
लोगों का घृणा से मुझे यूँ ढुंकना
हर सुबह खिड़की पे, खड़े होके सोचना
चिड़चिड़ाहट और अपने बालों को नोचना
जिंदगी तेरा, मेरे करे कराये पर मूतना
मुश्किल पड़ी मेरे पीछे जैसे, कृष्णा के पीछे पूतना
मैं भी हूँ कृष्णा मेरा मुश्किलों के प्राण चुसना
अब शेर दहड़ेगा, अब बैठेगा चुप ना
मुश्किल से लड़, सफलता को है ढूंढना
अब सीधा तीर निशाने पर, अब होगी कोई चूक ना
कल आना जिंदगी और मुझ से दुबारा पूंछना
क्या चल्ला, क्या चल्ला, क्या चल्ला वे
तुझ जैसे मिलने वालों का लगा होगा हुजूम न

©Manas Raj Singh #नाकाम_ए_ज़िन्दगी
Rap cum poetry
After a while
#SunSet
  Ritika Tiwari Nikkita(Nk) राघव श्रीवास्तव विचारक Dev Faizabadi 💎 Fayza iqbal says
जिंदगी का बार बार मुझ से ये पूंछना
क्या चल्ला, क्या चल्ला , क्या चल्ला वे
क्या बताऊँ जिंदगी
मेरी नाकामी की फैल गई सूचना
लोगों का घृणा से मुझे यूँ ढुंकना
हर सुबह खिड़की पे, खड़े होके सोचना
चिड़चिड़ाहट और अपने बालों को नोचना
जिंदगी तेरा, मेरे करे कराये पर मूतना
मुश्किल पड़ी मेरे पीछे जैसे, कृष्णा के पीछे पूतना
मैं भी हूँ कृष्णा मेरा मुश्किलों के प्राण चुसना
अब शेर दहड़ेगा, अब बैठेगा चुप ना
मुश्किल से लड़, सफलता को है ढूंढना
अब सीधा तीर निशाने पर, अब होगी कोई चूक ना
कल आना जिंदगी और मुझ से दुबारा पूंछना
क्या चल्ला, क्या चल्ला, क्या चल्ला वे
तुझ जैसे मिलने वालों का लगा होगा हुजूम न

©Manas Raj Singh #नाकाम_ए_ज़िन्दगी
Rap cum poetry
After a while
#SunSet
  Ritika Tiwari Nikkita(Nk) राघव श्रीवास्तव विचारक Dev Faizabadi 💎 Fayza iqbal says