जब तक हम फलेच्छा मुक्त हो कर कर्म नहीं करते तब तक हम सच्ची सफलता अर्जित नहीं कर सकते.…. दूसरों को जताने,दिखाने,लोगों पर झूठा रोब जमाने में हम भले सफलता पा जाएँ....वह भीख में मिली....तथाकथित... सफलता है....अर्जित नहीं.... अर्जन के लिए पौरुष चाहिए... और पौरुष......? यक्ष प्रश्न ? ©Santosh Pathak #सफलता_का_मूल_मंत्र #अर्जितसफ़लता #झूठीसफ़लता #FriendshipDay