Nojoto: Largest Storytelling Platform

इन पतझड़ के पत्तों ने भी एक नई पहचान बनाई है....

इन  पतझड़ के पत्तों ने भी एक नई पहचान बनाई है....
जब टूटा है तब जाके ख़ुद के रंग से नज़र मिलाई हैं....
ख़ुद को टूटा समझ मैंने ख़ुद पे व्यंग्य बनाए हैं....
हैं! चाहत ही किसकी अब जब टूटकर खुद से नज़र मिलाई हैं......
गूढ़ नहीं दिखता था जब कुछ .......
तब अंधेरों में भी राह बनाई हैं.....
तु बस हौसला तो रख....
 इस शशांक की चांदनी से भी ज्यादा,,
हम चमक कर दिखाएंगे।
#kaid ek awaz....

©Nishu Maurya.....(Arjnii) #phchan#शशांक
#kaidEkAwaz 

#Stars
इन  पतझड़ के पत्तों ने भी एक नई पहचान बनाई है....
जब टूटा है तब जाके ख़ुद के रंग से नज़र मिलाई हैं....
ख़ुद को टूटा समझ मैंने ख़ुद पे व्यंग्य बनाए हैं....
हैं! चाहत ही किसकी अब जब टूटकर खुद से नज़र मिलाई हैं......
गूढ़ नहीं दिखता था जब कुछ .......
तब अंधेरों में भी राह बनाई हैं.....
तु बस हौसला तो रख....
 इस शशांक की चांदनी से भी ज्यादा,,
हम चमक कर दिखाएंगे।
#kaid ek awaz....

©Nishu Maurya.....(Arjnii) #phchan#शशांक
#kaidEkAwaz 

#Stars