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वक्त की दहलीज पर भला क्यों खड़ा है तू निर्जीवता क

वक्त की दहलीज पर 
भला क्यों खड़ा है तू 
निर्जीवता का अहसास लिए 
भला क्यों पड़ा है तू 
वक्त को बताने चला है 
वक्त की कीमत तू 
पर वक्त तो खुद भी 
स्वयं के लिए ना रुका है यो 
तेरे रुकने से 
वो ना कभी रुकेगा 
तेरे थमने से 
वो ना कभी झुकेगा 
दौड़, भाग या फिर चल 
ये तो अब तेरे हाथ मे है 
वक्त की दहलीज पर 
भला क्यों खड़ा है तू |
©kirtesh #time #run #nojoto #poem
वक्त की दहलीज पर 
भला क्यों खड़ा है तू 
निर्जीवता का अहसास लिए 
भला क्यों पड़ा है तू 
वक्त को बताने चला है 
वक्त की कीमत तू 
पर वक्त तो खुद भी 
स्वयं के लिए ना रुका है यो 
तेरे रुकने से 
वो ना कभी रुकेगा 
तेरे थमने से 
वो ना कभी झुकेगा 
दौड़, भाग या फिर चल 
ये तो अब तेरे हाथ मे है 
वक्त की दहलीज पर 
भला क्यों खड़ा है तू |
©kirtesh #time #run #nojoto #poem