White हमेशा, वही सब क्यों याद आता है.. जो हमसे छूट जाता है.. फिर चाहे, वह कोई पल हो.. बात हो.. चीज़ें हो.. या फिर कोई शख़्स! हजा़रों की भीड़ में भी, नज़रें क्यों उसी को तलाशती हैं... क्यूं इक जानी पहचानी सी खुशबू, यूं ही गुज़र जाती है मन को छूते हुए.... क्यों कोई पल, ठहर कर भी नहीं ठहर पाता.. जिसे चाहते हैं कि, कैद कर लें हम अपनी मुट्ठी में! क्यों कोई चीज़, हमारे हाथ से अचानक फिसल कर गिर जाती है... और हम पूरी ज़िदगी इस मलाल में काट देते हैं कि, काश थोड़ी सी सावधानी बरती होती! और वह जगह, जहां जाना तो चाहते हैं पर जा नहीं पाते... कभी बंधन; तो, कभी वक्त रोक लेता है हमारे पैरों को... !! शायद यही तो जीवन है आधा अधूरा फिर भी पूरा... और इसी में, आधी अधूरी ख्वाहिशों की पूरी दुनिया..! @ ©मुखौटा A HIDDEN FEELINGS * अंकूर * #Hope हमेशा, वही सब क्यों याद आता है.. जो हमसे छूट जाता है.. फिर चाहे, वह कोई पल हो.. बात हो.. चीज़ें हो.. या फिर कोई शख़्स!