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थाम लिया हाथ तेरा शायद ये गुस्ताख़ी हमारी है।। नज़र

थाम लिया हाथ तेरा
शायद ये गुस्ताख़ी हमारी है।।

नज़रें चुरा जो तुने लिया,
क्या इश्क हमारा बेबुनियादी है।।

ये ज़माना समझे या न समझे मुझे,
गिला नहीं

पर जो तू भी न समझे हाल-ऐ-दिल मेरा,
तो उम्मीद-ऐ-माज़रत हमारी है।। #माज़रत
#quotesgram
थाम लिया हाथ तेरा
शायद ये गुस्ताख़ी हमारी है।।

नज़रें चुरा जो तुने लिया,
क्या इश्क हमारा बेबुनियादी है।।

ये ज़माना समझे या न समझे मुझे,
गिला नहीं

पर जो तू भी न समझे हाल-ऐ-दिल मेरा,
तो उम्मीद-ऐ-माज़रत हमारी है।। #माज़रत
#quotesgram