हसरतों को चाँद की खूँटी पे टांग आये हैं, इस बार खुदा से कुछ हम भी मांग लाए है, उसको गुरूर है इस कदर कुदपे जैसे चांदनी जैसी पहचान लाए है, और मै आइना देखा दूंगा उसको एक रोज़ हम बस इंतजार कर रहे है, कई परिंदे हमने भी इंसान बनाए है। #पहचान #गुरूर #इंसान #परिंदे #खुदा