वक्त की पाबंदी है,नसीब का पहरा है सुबह की बंद मुट्ठी में,छिपा राज़ कोई गहरा है मर्ज़ियाँ भी तेरी हैं,शहर भी तेरा है हारी हुई बाज़ी है,मुस्कुराता हुआ चेहरा है साथ चलने की ज़िद है,रात का अँधेरा है दूर कहीं मेरा मुकाम है,पास घर तेरा है... Challenge-128 #collabwithकोराकाग़ज़ 6 पंक्तियों में अपनी रचना लिखिए :) #पाबंदी #कोराकाग़ज़ #yqdidi #yqbaba YourQuote Didi YourQuote Baba Aरिफ़ Aल्व़ी #YourQuoteAndMine Collaborating with कोरा काग़ज़ ™️