Nojoto: Largest Storytelling Platform

उसकी नजरे आज भी याद हैं मुझे ओ कातीलाना अंदाज ओ आ

उसकी नजरे आज भी याद हैं मुझे 
ओ कातीलाना अंदाज
ओ आँखो मैं हसता हुआ काजल
ओ कान के झूमके 
उसकी खिल खिलाती हूई मुस्कान 
गजब का नजारा देखा था मैने उस दिन 
जैसे कोई अप्सरा ही मेरे लिए इतने
दूर से यहा मुझे मिलने आई हैं...

©Shubhangi Sutar #Apsara💕
उसकी नजरे आज भी याद हैं मुझे 
ओ कातीलाना अंदाज
ओ आँखो मैं हसता हुआ काजल
ओ कान के झूमके 
उसकी खिल खिलाती हूई मुस्कान 
गजब का नजारा देखा था मैने उस दिन 
जैसे कोई अप्सरा ही मेरे लिए इतने
दूर से यहा मुझे मिलने आई हैं...

©Shubhangi Sutar #Apsara💕