फूलों की ख़्वाहिश में फूलों की ख़्वाहिश में; काँटो में कूदा हूँ, मंज़िल की हसरत है; मैं आँखें मूँदा हूँ! हैं पग - पग पे काँटे ; हैं डग - डग पे काँटे, सेज सजी है काँटों की; कोई रास्ता कैसे काटे? रंग - रंग के काँटे ; हर ढंग के काँटे, काँटों में होड़ लगी है; कोशिश पुरज़ोर लगी है! काँटों ने है ठाना; मुझसे प्यार जताना, मेरी दिली ख़्वाहिश है; फूलों को गले लगाना! मैं चल रहा हूँ तन्हा ; अपने दोनों हाथ उठाये, काश ! कोई कोमल काँटा; कभी मुझ पर तरस खाए! आयी भारी शामत है; नहीं कहीं मिलती राहत है, काँटे मेरे आशिक; और मुझे फूलों की चाहत है! कौन पाएगा मंज़िल?, बड़ा मुश्किल है बताना, कि काँटे मेरे आशिक; मैं फूलों का दीवाना!! I have come across a lot of struggle, during the journey of my Life. These never ending struggles, sometimes made me hopelessly exhausted, but throwing them aside my journey is still continue. #yqbaba #yqdidi #yqquotes #yqhindi #yqinspiration #yqtales #yqdada #yqdiary