रिश्तों की दीवारें,चिकनी मिट्टी से निर्मित हो रही हैं दुःख-दर्द,अर्थ,मेरा-तेरा की बरसातों से ढह रही हैं आपसी संबंधों से ही जो सामाजिक इमारत खड़ी रही है रिश्तों की खोखली बुनियाद,सब तहस-नहस कर रही है! Muनेश..Meरी✍️ Challenge-152 #collabwithकोराकाग़ज़ 4 पंक्तियों में अपनी रचना लिखिए :) "हम लिखते रहेंगे" प्रतियोगिता में भाग लेने और अपनी टीम बनाने के लिए पिन की हुई पढ़िए :) #रिश्तोंकीदीवार #कोराकाग़ज़ #yqdidi #yqbaba #YourQuoteAndMine Collaborating with कोरा काग़ज़ ™️